पूरी दुनिया मे कोरोना वायरस की हाहाकार को देखकर ऐसा लग रहा है कि कोई हॉलीवुड की फ़िल्म चल रही हो,अक्सर हॉलीवुड में कुछ इसी तरह की फिल्में बनाई जाती है जिसमे पूरी दुनिया मे कोई वायरस या कोई दूसरे ग्रह के लोग हमला कर देते हैं जिसके बाद कुछ हीरो अपनी ताकत से पूरी दुनिया को बचा लेते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है।
जी हां,अमेरिका के पेन्सिल्वेनिया में चीन के एक मेडिकल रिसर्चर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि वे कोरोनावायरस पर शोध कर रहे थे । यही नहीं ये भी बताया जा रहा है कि वो महत्वपूर्ण खोज के करीब भी पहुंच चुके थे।
यूनिवर्सिटी ऑफ पिटसबर्ग के प्रोफेसर बिंग लियु शनिवार को अपने घर पर मृत मिले थे। पुलिस के मुताबिक उनके सिर, गले और सीने में गोली मारकर हत्या की गई। वहीं उनके घर के बाहर कार में 46 साल के व्यक्ति हाओगु का शव भी मिला था। पुलिस का मानना है कि हाओगु ने पहले प्रोफेसर बिंग लियु की हत्या की और बाद में खुद को भी गोली मार ली।
यूनिवर्सिटी के ‘कम्प्यूटेशनल एंड सिस्टम बायोलॉजी डिपार्टमेंट’ के उनके दोस्तो ने एक न्यूज चैनल को बताया कि लियु कोरोना पर महत्वपूर्ण खोज के करीब थे।
क्या कोई नहीं चाहता था कि इस दुनिया से कोरोना का खतरा टले? क्या वाकई शोध के इतने करीब पहुंच गए थे लियु ? यूनिवर्सटी ऑफ पिटसबर्ग ने बयान जारी कर बिंग लियु की मौत पर शोक जताया है ,लेकिन लियु की रिसर्च अगर वाक़ई सफल साबित होती तो पूरी दुनिया को इसका कितना फायदा होता।